लगता है हम भूल रहे हैं, चलो देेखते हैं, चलो देखते हैं।। लगता है हम भूल रहे हैं, चलो देेखते हैं, चलो देखते हैं।।
मानव जैसे मानव रहा ही नहीं बस मशीन बन रहा है, मानव जैसे मानव रहा ही नहीं बस मशीन बन रहा है,
है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये समाज को गढ़ना है ! है स्वतंत्र जीवन हम सबका, राह हमी को चुनना है ! अपने कर्मो को निर्मल कर, नये ...
बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत . बिक रही है अब लोगों की मान -इज्जत .
लोगों का मान -इज्जत लोगों की भूख। लोगों का मान -इज्जत लोगों की भूख।
प्यार एक गुलाब की तरह है इसका कांटेदार रूप इसका कवच है। प्यार एक गुलाब की तरह है इसका कांटेदार रूप इसका कवच है।